ताजा गन्ने के रस का एक बड़ा गिलास स्वादिष्ट है, साथ ही निर्जलीकरण से बचने का सबसे अच्छा विकल्प है।
गर्मियों के दौरान निर्जलीकरण से बचने के लिए गन्ने का रस सबसे अच्छा विकल्प है। इसके साथ ही यह पीलिया जैसी घातक बीमारी में कारगर है, जबकि गर्भवती महिलाओं के लिए यह एक बेहतरीन पेय है। इसका रस हमें गन्ने के रस से एनीमिया, कैंसर जैसी सभी तरह की बीमारियों से बचाता है। इसके कई फायदे होने के साथ इसके कई नुकसान भी हैं।
आइए जानते हैं गन्ने के रस से क्या नुकसान हो सकते हैं-
- अक्सर आप गन्ने के रस को गन्ने की गुणवत्ता नहीं लेते हैं। रास्ते में खड़ी किसी भी दुकान से गन्ने का रस न पियें, संक्रमण का खतरा रहता है। ऐसी दुकानों से गन्ने का रस पीने से पेट दर्द आदि भी हो सकता है।
- गन्ने का रस पीते समय दुकान की साफ-सफाई का ध्यान रखें। यदि दुकान में बहुत अधिक मक्खियाँ हैं, तो ऐसी दुकानों से गन्ने का रस पीने से बचें।
- अधिकांश दुकानें गन्ने का रस निकालने के लिए मशीनों का उपयोग करती हैं। लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे कि रनिंग मशीन एक निश्चित प्रकार के तेल का उपयोग करती है। अगर यह तेल पेट में चला जाता है, तो यह हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
जानिए गन्ने का रस कब नहीं पीना चाहिए
- गन्ने का रस उसी स्थिति में फायदेमंद होता है जब आप इसे ताजा पीते हैं। यदि आपके पास कोई जमे हुए रस है, तो इसे न पीएं। बासी गन्ने के रस में मक्खियाँ पनप सकती हैं। इतना ही नहीं, इसमें कीड़े आदि भी पाए जा सकते हैं।
गन्ने का रस पीते समय इस बात का ख्याल रखें कि आपके रस में कोई मिलावट न हो। इसके अलावा, विशेषज्ञों के अनुसार, एक दिन में दो गिलास से अधिक गन्ने का रस न पिएं। दरअसल, एक स्वस्थ मनुष्य को केवल दो गिलास गन्ने के रस की आवश्यकता होती है।
यदि संभव हो, तो गन्ने का रस बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गन्ने पर नज़र रखना सुनिश्चित करें। कहीं आपको सड़े हुए गन्ने का रस तो नहीं दिया जा रहा है? इससे पेट की बीमारी हो सकती है।