एक अध्ययन से पता चला है कि दुनिया भर में लगभग चार प्रतिशत मौतें शरीर पर तीन घंटे से अधिक बैठे रहने के दुष्परिणामों से ही होती हैं। एक अध्ययन से पता चला है कि दुनिया भर में लगभग चार प्रतिशत मौतें शरीर पर तीन घंटे से अधिक बैठे रहने के दुष्प्रभाव से होती हैं। अध्ययन 54 देशों के सर्वेक्षणों का विश्लेषण करता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि हर दिन तीन घंटे से कम समय तक बैठने से औसतन 0.2 साल की जीवन प्रत्याशा बढ़ जाती है। अध्ययन में दुनिया भर के 54 देशों से व्यवहार संबंधी सर्वेक्षणों का विश्लेषण किया गया, ताकि वे बैठने के हानिकारक प्रभावों का सही आकलन कर सकें और उन्हें जनसंख्या के आकार, जीवनी तालिका और कुल मौतों के आंकड़ों के साथ जोड़ा जा सके। ब्राजील के यूनिवर्सिटी ऑफ साओ पाउलो स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि सभी प्रकार की मौतों के कारणों में बैठने से काफी प्रभावित होते हैं। उनका आंकड़ा 54 देशों में हुई कुल मौतों का लगभग 3.8 प्रतिशत है।