जो लोग अखरोट पसंद करते हैं वे इसे इस डर से नहीं खाते हैं कि यह कैलोरी में उच्च है जो उनका वजन बढ़ा सकता है, पर ऐसा नहीं है....
अखरोट को पसंद करने वाले इसे डर से नहीं खाते हैं कि इसमें कैलोरी ज्यादा होती है और इससे उनका वजन बढ़ सकता है। लेकिन एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि अमेरिकी सरकार ने अखरोट में जितनी कैलोरी बताई हुई हैं उससे 21 प्रतिशत कम केलोरी होती हैं। प्रतिष्ठित ‘जनरल ऑफ न्यूट्रीशिन’ में प्रकाशित हुए इस अध्ययन में बताया गया है कि अमेरिका के कृषि विभाग (यूएसडीए) ने अखरोट में जितनी कैलोरी होने की बात कही है, असल में अखरोट में उससे 21 फीसदी कम कैलोरी होती हैं। यह अध्ययन डॉ डेविड जे बेयर की अगुआई में हुआ है, जो यूएसडीएम में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं। इस अध्ययन में यह पाया गया है कि एक अखरोट (28.35 ग्राम) में 146 केलोरी होती हैं न कि 185, आम तौर पर जो कलोरी बताई जाती हैं यह उससे 39 कम है। अखरोट में कैलोरी का पता लगाने के लिए ‘एटवॉटर’ तरीके का इस्तेमाल किया गया था जो 19वीं सदी के अंत में विकसित हुआ था। यह कई पदार्थों से मिलने वाली चयापचय ऊर्जा या शरीर में उपलब्ध ऊर्जा की गणना करता है। बेयर ने बताया कि यह नतीजे इस अर्थ में महत्त्वपूर्ण है कि पहली बार वे एक अखरोट में कैलोरी की संख्या को सही मापते हैं। यह अनुसंधान 100 साल पहले हुए अनुसंधान की सीमा बध्यताओं को दूर करेगा जिनके नतीजे आज भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं। बेयर ने कहा कि हमारे अनुसंधान के नतीजे यह बता सकते हैं कि अखरोट का सेवन करने वालों का औसतन वजन क्यों नहीं बढ़ता है। साथ ही, अखरोट खाने के कई संभावित फायदों को भी बता सकते हैं जिनमें कैंसर, ह्रदय और कुछ अन्य बीमारियों के खतरे को कम करना शामिल है। उन्होंने कहा कि हमारे अनुसंधान से लोगों की कैलोरी संबंधित चिंताओं को कम करने में मदद मिल सकती है और वे अपनी रोज की खुराक में इसे शामिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ हमें वसा ही दें और कम वसा वाले खाद्य पदार्थ हमारे लिए स्वास्थ्यप्रद हों। हमें खाने के लिए किसी चीज का चयन करने से पहले उसमें मौजूद कैलोरी को देखना चाहिए खासतौर पर ट्री नट्स के संदर्भ में।