चाणक्य एक भारतीय शिक्षक, अर्थशास्त्री और एक राजनीतिक सलाहकार थे

 चाणक्य नीति श्लोक कश्चित् कस्यचिन्मित्रं, न कश्चित् कस्यचित् रिपु:। अर्थतस्तु निबध्यन्ते, मित्राणि रिपवस्तथा ॥

भावार्थ :

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