कोशिश भी कर उमीद भी रख रास्ता भी चुन,
फिर इसके बाद थोड़ा सा मुक़द्दर तलाश कर।
समुंदर में उतर लेकिन उभरने की भी सोच
डूबने से पहले... गहराई का अंदाज़ा लगा।
साहिल से तूफ़ाँ का तमाशा देखने वाले,
साहिल से अंदाज़ा-ए-तूफ़ाँ नहीं होता।
किसी को बे-सबब शोहरत नहीं मिलती है ऐ वाहिद
उन्हीं के नाम हैं दुनिया में जिनके काम अच्छे हैं।
लकीरें खींचते रहने से बन गई तस्वीर,
कोई भी काम हो, बे-कार थोड़ी होता है।
लोग चुन लें जिसकी तहरीरें देने के लिए,
ज़िंदगी की वो किताब-ए-तर हो जाइए।