नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है,
नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है,
बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं,
बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है।
इंतजार किस पल का किये जाते हो यारों,
प्यासों के पास समंदर नही आने वाला,
लगी है प्यास तो चलो रेत निचोड़ी जाए,
अपने हिस्से में समंदर नहीं आने वाला।
जो न पूरा हो उसे अरमान कहते हैं,
जो न बदले उसे ईमान कहते हैं,
जिंदगी मुश्किलों में भले ही बीत जाये,
पर जो न झुके उसे इंसान कहते हैं।
तुम यहाँ धरती पर लकीरें खींचते हो,
हम वहाँ अपने लिये नये आसमान ढूंढते हैं,
तुम बनाते जाते हो पिंजड़े पे पिंजड़ा,
हम अपने पंखों में नयी उड़ान ढूंढते हैं।